भोग लगाने का मन्त्र | Bhog lagane ka Mantra

Bhagwan ko bhog lagane ka mantra

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये ।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।


हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व है। नियम और विनियमों के अनुसार देवता की पूजा करना भी महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि विधि-विधान से की गई पूजा का पूरा फल मिलता है। इसीलिए हिन्दू धर्म में भगवान की विधि-विधान से पूजा की जाती है। कुछ लोग भगवान की पूजा आरती करके ही निपटा देते हैं। लेकिन ऐसा करने से आपको पूजा का पूरा फल नहीं मिलेगा।

पूजा के बाद भगवान को भोग लगाना भी जरूरी है। लेकिन कुछ लोगों को भोग लगाने की प्रक्रिया के बारे में पता नहीं होता है। इसी तरह वे अपनी इच्छा के अनुसार भगवान को भोजन कराते हैं। अगर आपको भोग लगाने की प्रक्रिया नहीं पता है। हम आपको भोग लगाने का मंत्र बारे में बताएंगे।


सभी देवी देवताओ को भोग

शर्कराखण्ड खाद्यानि दधिक्षीरघृतानि च
आहारं भक्ष्यभोज्यं च नैवेद्य प्रतिगृह्यताम्।।


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ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्

हनुमान जी को भोग लगाने के लिए कोई विशिष्ट मंत्र नहीं है, लेकिन आप उन्हें भक्ति भाव से कोई भी मिठाई, फल, पान आदि अर्पित कर सकते हैं। समय के अनुसार, आप हनुमान चालीसा या हनुमान जी के अन्य स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। इसकी उनकी कृपा प्राप्त होती है।


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