श्री गणेशजी की आरती : जय गणेश जय गणेश देवा |Ganesh ji ki Aarti : Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Lyrics, Image, Pdf with Meaning

चलिए यहां पढ़ते हैं ओम जय गणेश जय गणेश  देवा यह श्री गणेशजी की आरती जो कि भगवान गणेशजी की पूजा के बाद स्मरण की जाती है आरती के Lyrics के बाद PDF और Video भी है जरूर देखे।

Ganesh Aarti Lyrics 

॥ आरती ॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।


एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी,
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देंवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।


पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देंवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।


अँधे को आँख देत कोढ़िन को काया,
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया,
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।


दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी,
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देंवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देंवा,
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।


Ganesh Ji Ki Aarti Pdf 

श्री गणेशजी की आरती जय गणेश जय गणेश  देवा आरती Lyrics हिंदी में PDF के लिए निचे क्लिक करे 👇👇👇



Ganesh Ji ki Aarti Video 


Ganesh Ji ki Aarti Image 

Ganesh ji ki Aarti Lyrics image
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गणेशजी की आरती के पूरा होने के बाद यह पूजा में उपस्थित सभी व्यक्ति को दिखाया जाता है, कि वह अंधेरे को हटाने के प्रतीक पवित्र दीपक के आग को देखें और थोड़ा स्पर्श करें।


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Ganesh Aarti Meaning 

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा .
माता जाकी पारवती, पिता महादेवा ..

Meaning:

जय हो आपकी, श्री गणेश, जय हो आपकी, श्री गणेश, हमारे प्रिय देवता।
आप माता पार्वती और भगवान शिव के शक्तिशाली पुत्र हैं॥


एकदन्त, दयावन्त, चारभुजाधारी,
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी .

Meaning:

हे भगवान गणेश, आपके पास एक दांत और चार भुजाएं हैं।
आपके माथे पर सिंदूर का तिलक लगा हुआ है, और आप अपने विनम्र वाहन मूसे पर सवारी करते हैं॥


एकदन्त, दयावन्त, चारभुजाधारी,
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी .

Meaning:

हे भगवान गणेश, आपके पास एक दांत और चार भुजाएं हैं।
आपके माथे पर सिंदूर का तिलक लगा हुआ है, और आप अपने विनम्र वाहन मूसे पर सवारी करते हैं॥


पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा ..

Meaning:

आपके भक्त, आपकी पूजा करते समय प्यार और भक्तिभाव से आपको पान के पत्ते, फूल और मेवे चढ़ाते हैं।
उसी तरह आपको आपके पसंदीदा लड्डू भी चढ़ाये जाते हैं, हे भगवान गणेश। और दुनिया के सारे सन्त अपना जीवन आपकी सेवा में अर्पण करते हैं॥


जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा .
माता जाकी पारवती, पिता महादेवा ..

Meaning:

जय हो आपकी, श्री गणेश, जय हो आपकी, श्री गणेश, हमारे प्रिय देवता।
आप माता पार्वती और भगवान शिव के शक्तिशाली पुत्र हैं॥


अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया,
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया .

Meaning:

हे भगवान गणेश, आप एक अंधे को दृष्टि प्रदान करते हैं और एक कोढ़ी को बीमारी से मुक्ति देते हैं।
आप एक बांझन को औलाद पाने का वरदान देते हैं और गरीबों को धन प्रदान करते हैं॥


सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
माता जाकी पारवती, पिता महादेवा ..

Meaning:

हम सब दिन और रात आपकी पूजा और भक्ति में मगन हैं, हे श्री गणेश, कृपया हमें सफलता का आशीर्वाद दें।
आखिरकार आप माता पार्वती और भगवान शिव के शक्तिशाली पुत्र हैं॥


जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा .
माता जाकी पारवती, पिता महादेवा ..

Meaning:

जय हो आपकी, श्री गणेश, जय हो आपकी, श्री गणेश, हमारे प्रिय देवता।
आप माता पार्वती और भगवान शिव के शक्तिशाली पुत्र हैं॥

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गणेश जी की आरती कितने बजे करनी चाहिए?

सुबह और शाम दोनों समय गणेश जी की आरती करनी चाहिए।


गणेश जी की आरती कैसे करते हैं?

श्री गणेशजी की आरती जो कि भगवान गणेशजी की पूजा के बाद स्मरण की जाती है


गणेश जी की आरती कितनी होती है?

गणेश जी की तीन विशेष आरतियां है… 1.जय गणेश जय गणेश देवा 2.एक दंत दयावंत चार भुजा धारी। 3.अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

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