व‍िष्‍णुजी की आरती : ॐ जय जगदीश हरे आरती | Jagdish ji ki Aarti : Om Jai Jagdish Hare Aarti | Vishnu Ji Ki Aarti Ram Ji Ki Aarti Lyrics, Image With Pdf

चलिए यहां पढ़ते हैं ॐ जय जगदीश हरे आरती व‍िष्‍णुजी की आरती है जो कि भगवान व‍िष्‍णुजी की पूजा के बाद स्मरण की जाती है आरती के Lyrics के बाद PDF और Video भी है जरूर देखे।


Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics in Hindi | Jagdish ji ki aarti 

॥ आरती ॥

ॐ जय जगदीश हरे,स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,क्षण में दूर करे ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे, सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम पूरण परमात्मा,तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम करुणा के सागर,तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम हो एक अगोचर,सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

विषय-विकार मिटाओ,पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा,
स्वमी सब कुछ है तेरा ।
तेरा तुझको अर्पण, तेरा तुझको अर्पण
क्या लागे मेरा ॥

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे,
स्वमी जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी, कहत शिवानंद स्वामी
मनवांछित फल पावे॥ 

॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

ॐ जय जगदीश हरे,स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,क्षण में दूर करे ॥


Om Jai Jagdish Hare Aarti Pdf 

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Vishnu Bhagwan Ki aarti video | Om Jai Jagdish hare aarti Video 


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व‍िष्‍णुजी की आरती के पूरा होने के बाद यह पूजा में उपस्थित सभी व्यक्ति को दिखाया जाता है, कि वह अंधेरे को हटाने के प्रतीक पवित्र दीपक के आग को देखें और थोड़ा स्पर्श करें।

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विष्णु भगवान का मंत्र क्या है?

ॐ नमोः नारायणाय नमः। ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः।

विष्णु जी के हाथ में क्या क्या होता है?

नीचे वाले बाएँ हाथ में पद्म (कमल), अपने नीचे वाले दाहिने हाथ में गदा (कौमोदकी) ,ऊपर वाले बाएँ हाथ में शंख (पाञ्चजन्य) और अपने ऊपर वाले दाहिने हाथ में चक्र(सुदर्शन) धारण करते हैं।

विष्णु जी के पैर क्यों दबाती है?

महिलाओं के हाथ में देवगुरु निवास करते हैं, जबकि पुरुष के पैरों में दैत्यगुरु शुक्राचार्य निवास करते हैं, इसलिए जब भी एक स्त्री पुरुष के चरण स्पर्श करती है तो देव व दानव का मिलन होता है और इससे धनलाभ होता है.

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