श्री शनिदेव के मंत्र | Shani Dev mantra in hindi | शनि ग्रह मंत्र | Shani Dev mantra lyrics

प्रति शनिवार श्री शनि देव के इन विशेष मंत्रों के जाप से यश, सुख, समृद्धि, कीर्ति, पराक्रम, वैभव, सफलता और अपार धन-धान्य के साथ प्रगति के द्वार खुलते हैं। चलिए यहां पढ़ते हैं श्री शनिदेव के मंत्र जो कि शनिदेव की पूजा के दौरान स्मरण किये जाते है


Shani dev Beej Mantra | शनि एकाक्षरी बीज मंत्र   

“ऊँ शं शनैश्चराय नम:” ।।
“ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः” ।।

sani dev
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Shani Graha – Vedic Mantra 

“ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंय्यो रभिस्त्रवन्तु नः”।।

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shani Dev ka tantrik mantra | शनि तांत्रिक मंत्र 

“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”।

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Shani Dev ka pauranik Mantra | शनि का पौराणिक मंत्र 

“ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्” ।।

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Shani Gaytri Mantra |शनि गायत्री मंत्र  

“ॐ भग्भवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो सौरी: प्रचोदयात” ।

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Shani dev mantra video


Shani dev mantra FAQ

शनि देव की पूजा कितने बजे करनी चाहिए?

शनि देव की पूजा सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद की जाती है. सूर्यास्त के बाद शनि देव की पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और उपासक को सुख और समृद्धि दोनों की प्राप्ति होती है.

घर में शनि देव की पूजा कैसे करनी चाहिए?

शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करके शनिदेव के समक्ष पूजा और व्रत का संकल्प लें. उसके बाद पीपल के पेड़ में जल अर्पित कर मन ही मन शनिदेव का ध्यान करते हुए सात परिक्रमा लगाएं. इस दौरान पीपल के पेड़ में कच्चा सूट लपेटना शुभ माना गया है.

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