श्री विंध्येश्वरी माता की महिमा अपार है। श्री विंध्येश्वरी चालीसा का पाठ करने से अनेक लाभ मिलते हैं। श्री विंध्येश्वरी माता अपने भक्तों से बहुत प्रेम करती हैं। लेकिन श्री विंध्येश्वरी चालीसा का पाठ पूरी एकाग्रता और निष्ठा के साथ किया जाए तो लाभ होगा। चलिए यहां पढ़ते हैं जय जय जय विन्ध्याचल रानी।, …. यह श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा है जो कि shree Vindheshwari की पूजा के दौरान स्मरण की जाती है। shree Vindheshwari chalisa के Lyrics के बाद PDF और Video भी है जरूर देखे।
Table of Contents
Vindheshwari Chalisa Lyrics in Hindi
|| दोहा ||
नमो नमो विन्ध्येश्वरी,
नमो नमो जगदम्ब ।
सन्तजनों के काज में,
करती नहीं विलम्ब ॥
|| चौपाई ||
जय जय जय विन्ध्याचल रानी।
आदिशक्ति जगविदित भवानी ॥
सिंहवाहिनी जै जगमाता ।
जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता ॥
कष्ट निवारण जै जगदेवी ।
जै जै सन्त असुर सुर सेवी ॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी ।
शेष सहस मुख वर्णत हारी ॥
दीनन को दु:ख हरत भवानी ।
नहिं देखो तुम सम कोउ दानी ॥
सब कर मनसा पुरवत माता ।
महिमा अमित जगत विख्याता ॥
जो जन ध्यान तुम्हारो लावै ।
सो तुरतहि वांछित फल पावै ॥
तुम्हीं वैष्णवी तुम्हीं रुद्रानी ।
तुम्हीं शारदा अरु ब्रह्मानी ॥
रमा राधिका श्यामा काली ।
तुम्हीं मातु सन्तन प्रतिपाली ॥
उमा माध्वी चण्डी ज्वाला ।
वेगि मोहि पर होहु दयाला ॥ 10
तुम्हीं हिंगलाज महारानी ।
तुम्हीं शीतला अरु विज्ञानी ॥
दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता ।
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता ॥
तुम्हीं जाह्नवी अरु रुद्रानी ।
हे मावती अम्ब निर्वानी ॥
अष्टभुजी वाराहिनि देवा ।
करत विष्णु शिव जाकर सेवा ॥
चौंसट्ठी देवी कल्यानी ।
गौरि मंगला सब गुनखानी ॥
पाटन मुम्बादन्त कुमारी ।
भाद्रिकालि सुनि विनय हमारी ॥
बज्रधारिणी शोक नाशिनी ।
आयु रक्षिनी विन्ध्यवासिनी ॥
जया और विजया वैताली ।
मातु सुगन्धा अरु विकराली ॥
नाम अनन्त तुम्हारि भवानी ।
वरनै किमि मानुष अज्ञानी ॥
जापर कृपा मातु तब होई ।
जो वह करै चाहे मन जोई ॥ 20
कृपा करहु मोपर महारानी ।
सिद्ध करहु अम्बे मम बानी ॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना ।
ताकर सदा होय कल्याना ॥
विपति ताहि सपनेहु नाहिं आवै ।
जो देवीकर जाप करावै ॥
जो नर कहँ ऋण होय अपारा ।
सो नर पाठ करै शत बारा ॥
निश्चय ऋण मोचन होई जाई ।
जो नर पाठ करै चित लाई ॥
अस्तुति जो नर पढ़े पढ़अवे ।
या जग में सो बहु सुख पावे ॥
जाको व्याधि सतावे भाई ।
जाप करत सब दूर पराई ॥
जो नर अति बन्दी महँ होई ।
बार हजार पाठ करि सोई ॥
निश्चय बन्दी ते छुट जाई ।
सत्य वचन मम मानहु भाई ॥
जापर जो कछु संकट होई ।
निश्चय देविहिं सुमिरै सोई ॥ 30
जा कहँ पुत्र होय नहिं भाई ।
सो नर या विधि करे उपाई ॥
पाँच वर्ष जो पाठ करावै ।
नौरातन महँ विप्र जिमावै ॥
निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी ।
पुत्र देहिं ता कहँ गुणखानी ॥
ध्वजा नारियल आन चढ़ावै ।
विधि समेत पूजन करवावै ॥
नित प्रति पाठ करै मन लाई ।
प्रेम सहित नहिं आन उपाई ॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा ।
रंक पढ़त होवे अवनीसा ॥
यह जन अचरज मानहु भाई ।
कृपा दृश्टि जापर होइ जाई ॥
जै जै जै जग मातु भवानी ।
कृपा करहु मोहि निज जन जानी ॥ 40
!! इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त !!
Vindheshwari chalisa PDF
जय जय जय विन्ध्याचल रानी।, …. यह श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा के Lyrics हिंदी में PDF के लिए निचे क्लिक करे 👇👇👇
यह भी पढ़ें
पार्वती चालीसाभैरव चालीसाVindheshwari chalisa Image
Vindheshwari chalisa Video
Vindheshwari chalisa Video (fast)
Vindheshwari chalisa Video ( Normal Speed)
यह भी पढ़ें
मां लक्ष्मी चालीसासरस्वती चालीसाFAQ Related Vindheshwari chalisa
विन्ध्येश्वरी चालीसा पढ़ने से क्या लाभ हैं?
विंध्येश्वरी चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से बहुत लाभ मिलता है, इस चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और आप अपने शत्रुओं को परास्त कर सकते हैं और साथ ही शत्रुओं का प्रभाव आप पर नहीं पड़ता है।
विन्ध्येश्वरी चालीसा पढ़ने की सही विधि क्या है?
विंध्येश्वरी चालीसा का पाठ करने के लिए सबसे पहले सूर्योदय से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके बाद लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मां विंध्येश्वरी की तस्वीर लगाएं या आप अपने घर के मंदिर के सामने कुर्सी बिछाकर भी बैठ सकते हैं। उसके बाद सबसे पहले माता विंध्येश्वरी का पुष्प, रोली, धूप, दीप आदि से पूजन करें। अब विंध्येश्वरी चालीसा पढ़ना शुरू करें।