चलिए यहां पढ़ते हैं ओम जय श्री जीण मइया आरतीजीण माता जी की आरती है जो किजीण माता की पूजा के बाद स्मरण की जाती है। आरती के Lyrics के बाद PDF और Video भी है जरूर देखे।
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Jeen Mata Aarti
॥ आरती ॥
ओम जय श्री जीण मइया, बोलो जय श्री जीण मइया ।
सच्चे मन से सुमिरे, सब दुःख दूर भया ॥
॥ ओम जय श्री जीण मइया..॥
ऊंचे पर्वत मंदिर, शोभा अति भारी ।
देखत रूप मनोहर, असुरन भयकारी ॥
॥ ओम जय श्री जीण मइया..॥
महासिंगार सुहावन, ऊपर छत्र फिरे ।
सिंह की सवारी सोहे, कर में खड़ग धरे ॥
॥ ओम जय श्री जीण मइया..॥
बाजत नौबत द्वारे, अरु मृदंग डैरु ।
चौसठ जोगन नाचत, नृत्य करे भैरू ॥
॥ ओम जय श्री जीण मइया..॥
बड़े बड़े बलशाली, तेरा ध्यान धरे ।
ऋषि मुनि नर देवा, चरणो आन पड़े ॥
॥ ओम जय श्री जीण मइया..॥
जीण माता की आरती, जो कोई जन गावे ।
कहत रूड़मल सेवक, सुख सम्पति पावे ॥
॥ ओम जय श्री जीण मइया..॥
ओम जय श्री जीण मइया, बोलो जय श्री जीण मइया ।
सच्चे मन से सुमिरे, सब दुःख दूर भया ॥
॥ ओम जय श्री जीण मइया..॥
Jeen Mata Ki Aarti Pdf
ओम जय श्री जीण मइया आरतीजीण माता जी की आरती Lyrics हिंदी में PDF के लिए निचे क्लिक करे 👇👇👇
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जीण माता की आरती के पूरा होने के बाद यह पूजा में उपस्थित सभी व्यक्ति को दिखाया जाता है, कि वह अंधेरे को हटाने के प्रतीक पवित्र दीपक के आग को देखें और थोड़ा स्पर्श करें।
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FAQ Related jeen mata
जीण माता का भोग क्या है?
रोज सुबह माई को मदिरा का भोग लगाया जाता है
जीण माता किसका अवतार है?
जीण माता मां दुर्गा की अवतार है।
जीण माता का मंदिर कितना पुराना है?
जयपुर से लगभग 108 किमी दूर घने जंगल से घिरा हुआ है। इसका पूरा नाम जयंती माता था। मंदिर का निर्माण करीब 1200 साल पहले हुआ था।